
सांसें हो रही है कम आओ पेड़ लगाए हम
राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण आयोग सदर प्रखंड मीडिया प्रभारी अजहर अंसारी कहते हैं अभी जो स्थिति है सभी लोग गर्मी से त्राहिमाम कर रहे हैं झारखंड के लगभग सभी जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया है। गर्मी से निजात पाने के लिए लोक पंखा, कूलर, एसी का सहारा ले रहे हैं लेकिन यह कब तक चलेगा इसका स्थाई समाधान ढूंढने की और बढ़ना ही होगा। नहीं तो कुछ वर्षों के बाद स्थिति वह आएंगे की वातावरण इतना ज्यादा गर्म हो जाएगा कि मानव, पशु, पंछी, वृक्ष को इस पृथ्वी पर रहना दुर्लभ हो जाएगा। अगर नेपथ्य में जाए तो इसका मूल कारण पेड़ों की कटाई और उसके अनुपात में नए पेड़ों का न लगाया जाना है।
अपने क्षेत्र की बात करें जीटी रोड के किनारे बड़े वृक्ष की लगातार कटाई करने से सड़क पर चलने वाले राहगीरों गर्मी के दिनों में उसके नीचे रूक कर आराम करते थे लेकिन लगातार पेड़ कटाई हो जाने के कारण राहगीरों को काफी समस्या उत्पन्न होती है। आज सड़क के किनारे रहने वाले लोगों को पहले की अपेक्षा गर्मियों के मौसम में तापमान में वृद्धि एवं सड़क पर चलने वाले वाहनों से काफी प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है।
यह स्थिति जिले एवं झारखंड के अन्य वन क्षेत्र को हो गई है राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार स्वस्थ जीवन के लिए 33% भू भाग पर वन होना आवश्यक बतलाया गया है। वर्तमान में देश के 24.62 प्रतिशत उपभोग पर वन है। झारखंड की स्थिति कुछ अच्छी है और झारखंड में लगभग 30% भूभाग पर वन है। हम लोगों को जागरूक होते हुए निश्चित रूप से जितने पेड़ काटे जा रहे हैं उसके अनुपात में तीन गुना पेड़ लगाने एवं उसकी देखभाल करने की शपथ लेनी होगी नहीं तो विकट स्थिति उत्पन्न हो जाएगा।
