हजारीबाग; ड्रग्स की चपेट में हज़ारीबाग़ का बचपन, उड़ता हज़ारीबाग़’ पर नेता, अधिकारी किसी का ध्यान नहीं।
नशे की लत ने युवाओं को किया बर्बाद चोरी, लूट, छिनतई की वारदातों को दे रहे अंजाम।
हज़ारीबाग़: ज़िले में युवा नशे की जद में फंसता जा रहा है। ड्रग्स की चपेट में हज़ारीबाग़ का बचपन बर्बादी के कगार पर है। इस ओर न तो किसी नेता और ना ही किसी बड़े अधिकारी का ध्यान है। हो भी क्यों? जब तक अपना कोई सगा इसके चपेट में नहीं आएगा तब तक इन महानुभावों की नींद खुलेगी कैसे।
आज युवाओ को ड्रग्स आसानी से उपलब्ध है युवाओं को नशे से बचाने के लिए हज़ारीबाग़ पुलिस कार्रवाई भी कर रही है। कई नशे के सौदागरों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा भी गया है। चौपारण व कटकमसांडी में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती को नष्ट भी किया गया। लेकिन उसके बाद भी नशे का काम और उपयोग निरंतर चलता जा रहा हैं। आखिर इसकी क्या वजह है ? आखिर ड्रग्स के सौदागरों को कानून का खौफ क्यों नहीं ? कौन है जो इस धंधे को संरक्षण दे रहा है ?
ड्रग्स के लिए खून बेच रहे युवा
युवा नशे के जुगाड़ के लिए एक से बढ़कर एक क्राइम को अंजाम दे रहे हैं। अपनी नशे की लत को पूरा करने के लिए युवा चोरी , लूट , छिनतई की वारदातों को भी अंजाम दे रहे है । साथ ही खून बेचकर भी नशे के लिए पैसे का जुगाड़ कर रहे है। इस शहर में कई ऐसे परिवार है जो अपने बच्चो को नशे के कारण खो चुके हैं। कई परिवार बर्बादी के कगार पर हैं।
युवाओं को मादक पदार्थों की लत लगा रहे पैडलर
नशे के सौदागर बेखौफ शहर के गली , मोहल्लों में अपना जाल फैलाकर युवाओं को मादक पदार्थों की लत लगा रहे है। बढ़ते अपराध पर लगाम कसने के लिए अब पुलिस को शहर को ड्रग फ्री करने की मुहीम तेज करने की आवश्यकता है।
हज़ारीबाग़ शहर में बड़कागांव, कटकमसांडी, गिद्धौर से तस्कर मादक पदार्थ लाकर शहर के पैडलरों को बेच रहे है। सच्चाई ये है कि नशे की लत में फंसे युवा अब हज़ारीबाग़ पुलिस के लिए चुनौती बने हुए है ऐसे में हज़ारीबाग़ पुलिस को सप्लायर नहीं नशे का कारोबार करने वाले तक पहुंचने की जरूरत हैं।
