
गत दिनों वज्रपात से हुए जान माल के नुकसान पर उपायुक्त ने जताया दुःख,सावधानियों के मद्देनजर जारी किए दिशा निर्देश।
नदी,तालाब, झील व अन्य जलाशयों में जाने से बचे,परिजन अपने बच्चों को इन स्थानों में जाने से रोकें
अत्यधिक वर्षा और वज्रपात के दौरान घरों में रहे तथा दिशा निर्देशों का पालन करें
जिले में हो रही अत्यधिक वर्षा और वज्रपात से सावधानियों के मद्देनजर उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय ने आम जनमानस को सचेत रहने की अपील की है। *इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा निम्नलिखित निर्देश जारी किए हैं,विशेषकर हजारीबाग जैसे वज्रपात-संवेदनशील क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए सामान्य सावधानियाँ। (अधिक जलवर्षा और वज्रपात दोनों के लिए)
मौसम की जानकारी: घरों से बाहर निकलते वक्त स्थानीय रेडियो, टीवी और मोबाइल ऐप के माध्यम से मौसम के पूर्वानुमान और चेतावनियों से अपडेट रहें।
घर में रहें: अत्यधिक वर्षा के दौरान अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें। अगर संभव हो तो यात्रा रद्द कर दें।
सुरक्षित स्थान: यदि आप घर से बाहर हैं और वज्रपात हो रही हो तो जल्द से जल्द किसी पक्के मकान या सुरक्षित स्थान पर शरण लें। टिन या धातु की छत वाले मकानों से बचें, क्योंकि धातु बिजली को आकर्षित करता है।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी: भारी बारिश और वज्रपात के समय बिजली के उपकरणों को अनप्लग कर दें और उनसे दूर रहें। मोबाइल फोन का उपयोग कम करें, खासकर खुले में या बालकनी में।
धातु की वस्तुओं से बचें: धातु से बनी वस्तुओं, जैसे कृषि उपकरण, साइकिल, मोटरसाइकिल, या अन्य वाहन से दूर रहें। बिजली के खंभे और तार की बाड़ से भी बचें।
पानी से दूर रहें: तालाब, जलाशयों, स्वीमिंग पूल और बहते पानी से दूर रहें। पानी बिजली का सुचालक होता है।
*बच्चों और पालतू जानवरों की सुरक्षा:* बच्चों और पालतू जानवरों को घर के अंदर रखें।
आपातकालीन किट: आपातकालीन किट तैयार रखें जिसमें फर्स्ट-एड किट, पानी, टॉर्च और बैटरी जैसी आवश्यक चीजें हों।
वज्रपात से बचाव के लिए विशेष निर्देश:
खुले स्थान पर होने के दौरान पर जितनी जल्दी हो सके किसी पक्के मकान में शरण लें। यदि कोई आश्रय न मिले तो जमीन पर न लेटें। अपने दोनों पैरों को आपस में सटाकर, हाथों को घुटनों पर रखकर और सिर को घुटनों के बीच में झुका लें। सिर को जमीन से न सटाएं।
पेड़ों के नीचे खड़े न हों खासकर ऊंचे पेड़ों के नीचे, क्योंकि बिजली पेड़ों को आकर्षित करती है। छोटे और घने पेड़ों के नीचे शरण ले सकते हैं, लेकिन पैरों के नीचे सूखी वस्तुएं (लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा, सूखे पत्ते) रखें।
▪️समूह में न खड़े हों, बल्कि अलग-अलग खड़े रहें।
▪️ऊंची इमारतों या लोहे के पिलर वाले पुलों के आसपास शरण न लें।
▪️घर के अंदर होने पर: खिड़कियों, दरवाजों, बरामदे और छत से दूर रहें।
▪️घर के नल, टेलीफोन, टीवी, फ्रिज आदि को न छूएं।
▪️बिजली के उपकरणों को बंद कर दें और बिजली के संपर्क से हटा दें।
अधिक जलवर्षा (बाढ़) से बचाव के लिए विशेष निर्देश:
ऊंचे स्थानों पर जाएं: यदि आपका क्षेत्र बाढ़ संभावित है, तो पहले से ही ऊंचे और सुरक्षित स्थानों की पहचान कर लें।
▪️बाढ़ वाले पानी से बचें: बाढ़ के पानी में चलने या गाड़ी चलाने से बचें, क्योंकि पानी की गहराई का अनुमान लगाना मुश्किल हो सकता है और पानी में मलबा या खुले मैनहोल हो सकते हैं।
▪️बिजली के तारों से सावधान: गिरे हुए बिजली के तारों से दूर रहें।
▪️बीमारियों से बचाव: मानसून में मच्छरों के प्रजनन से होने वाली बीमारियों (जैसे डेंगू, मलेरिया) से बचने के लिए अपने आसपास पानी जमा न होने दें। मच्छरदानी या रिपेलेंट का उपयोग करें।
घायल व्यक्ति की सहायता:
यदि कोई व्यक्ति वज्रपात से घायल हो जाता है, तो उसे तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र ले जाने की व्यवस्था करें। उसकी नाड़ी और श्वास की जांच करें।
जिला प्रशासन इन निर्देशों का पालन करने की अपील करता है ताकि जान-माल के नुकसान से बचा जा सके। किसी भी आपात स्थिति में, स्थानीय आपदा प्रबंधन या आपातकालीन सेवाओं से तुरंत संपर्क करें।
