
प्राकृतिक पर्व सरहुल की उत्साह पूरी राजधानी में जोरों पर देखी जा रही है इसी के तहत विभिन्न सरना स्थल मैं भी तैयारी चल रही है रांची के हातमा सरना स्थल में भी सरहुल का शुभारंभ हो चुका है
जगलाल पहान ने बतलाया सरहुल प्रकृति का पर्व है और प्रकृति का संरक्षण करना भी हमारा दायित्व है सरहुल पर्व कल धूमधाम से मनाया जाएगा जिसकी शुरुआत आज से हो गई है केकड़ा ओर जल रखाई पूजा की महत्ता पर पाहन ने बताया घड़े में जल रख कैसे इसबार होने वाले बारिश का अनुमान लगाया जाता है।
सरहुल पर्व हमें प्रकृति को बचाने का संदेश देता है। यह झारखंड में कई जनजातियों द्वारा मनाया जाता है, विशेषकर मुंडा, हो और ओरांव जनजातियों द्वारा।
सरहुल पूजा में पृथ्वी और सूर्य का विवाह कराया जाता है इस दिन साल वृक्ष की भी पूजा की जाती है और अच्छी फसल के लिए प्रार्थना की जाती है।
वही सरहुल और ईद का त्यौहार कल 11 अप्रैल को एक साथ मनाया जायेगा जिसको लेकर जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम बिभिन सरना स्थल ओर ईदगाह का निरीक्षण भी किया साथ ही कर सुरक्षा के साथ-साथ साफ सफाई विद्युत व्यवस्था का भी जायजा लिया एडीएम लॉ एंडऑर्डर और नगर निगम के अधिकारी हातमा सरना स्थल पहुंच कर साफ सफाई विद्युत व्यवस्था का जाएजा लिया वहीं अधिकारियों को कई निर्देश भी इससे संबंधित दिए गए ताकि दोनों ही पर्व शांति और सौहार्द से मनाया जा सके।
