मूए मुबारक की जियारत के लिए अकीदतमंदों का उमड़ा हुजूम।
ग्यारहवीं शरीफ पर डाड़ी कलां में कराई गई मूए मुबारक की जियारत।
बड़कागांव डाड़ी कलां के मस्जिदे गौसिया के प्रांगण में अकीदतमंदों ने शुक्रवार को मुए मुबारक पेगम्बरे इस्लाम हुजुर सल्लल्लाहो अलेहे वसल्लम, जुल्फे मुबारक, इमामे हुसैन रदीयल्लाहो तआला अन्हो के मुए मुबारक, सरकारें गौसे आजम रदीयल्लाहो तआला अन्हो के मूए मुबारक, कर्बला शरीफ की मिट्टी, खानए काबा के गिलाफ व दीगर बुजुर्गोंने दीन के तबर्रुकात की जियारत जमाते राजाए मुस्तफा कमिटी के जानिब से कराई गई। जियारत को लेकर बड़कागांव प्रखंड के कोने-कोने से अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ी थी।
वहीं जियारत को लेकर डाड़ी कलां के मस्जिदे गौसिया के आसपास मेले का माहौल था। मुए मुबारक की जियारत सुबह 9 बजे से लेकर शाम के 6:30 बजे तक कराया गया। इस दौरान सभी ने सलातो सलाम पढ़ा। जियारत की शुरुआत सय्यद फैजानुल हुदा ने दुआ से की अंत में सामूहिक सलातो सलाम के बाद मुए मुबारक को स्पेशल बक्से में रख दिया गया। कई लोगों ने मुए मुबारक की जियारत कर अपने आप को खुशनसीब समझा। मो० फ़िरोज़ हुसैन (गुल्लू बाबू), असलम कुरैशी व महबूब आलम प्रिंस ने लोगों को इसकी जियारत करायी। हाफिज अज़हर अल्ताफ एवं मौलाना हसमत अली के संयुक्त सदारत में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।
अज़हर अल्ताफ, मो० फ़िरोज़ हुसैन एवं मस्जिदे गौसिया के इमाम दानिश अनवर ने मुए मुबारक व दीगर तबर्रुकात की फजीलत हदीस की रोशनी में बयान की एवं जियारत पर रौशनी डालते हुए उनकी फ़ाज़िलते बताई वहीं शायर गुलाम दस्तगीर ने दिनभर अपनी शायरी से लोगों को झुमाते रहे।
जियारत के कार्यक्रम को सफल बनाने में जमाते राजाए मुस्तफा कमिटी के सदर मो० मोजफ्फर अली , मौलाना हशमत अली, एजाज आलम, फयूम अंसारी, तनवीर आलम, रियासत हसन, मो० कासिम, अयूब अली, गौस मोहम्मद, मो० अफसर, मो० शहजाद, मोजिबुल्लाह अंसारी, गुलाम मुस्तफा, मंजूर आलम, अहद रज़ा, मो० इनामुल, गुलाम रब्बानी, हाफिज आलम, मो० ताहिर, हैदर अली, जावेद अख्तर, फरीद अंसारी, मो० निसार, आमिर राजा, मो० तहज़ीब, मो० वसीम, मो० ईदुल, मो० मन्नान, दाऊद अली, एनुल हक़, मो० नेजाम, मतलुब, तौफीक इत्यादि लोगों का सराहनीय योगदान रहा।
