BSF मेरू कैंप हजारीबाग बावा के तत्वावधान में प्रहरी संगिनियों के लिए हरियाली तीज के पावन अवसर पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन।

हरियाली तीज का त्यौहार, लाता जीवन में खुशीयों की बौछार 

 BSF मेरू कैंप हजारीबाग बावा के तत्वावधान में प्रहरी संगिनियों के लिए हरियाली तीज के पावन अवसर पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन।

हरियाली तीज का उत्सव श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। यह उत्सव महिलाओं का उत्सव है। सावन में जब सम्पूर्ण प्रकृति हरी ओढ़नी से आच्छादित होती है उस अवसर पर महिलाओं के मन मयूर नृत्य करने लगते हैं। वृक्ष की शाखाओं में झूले पड़ जाते हैं। सुहागन स्त्रियों के लिए यह उत्सव बहुत महत्व रखता है। आस्था, उमंग, सौंदर्य और प्रेम का यह उत्सव शिव-पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। चारों ओर हरियाली होने के कारण इसे हरियाली तीज कहते हैं। इस अवसर पर महिलाएं झूला झूलती हैं, लोकगीत गाती हैं और इस पर्व का आनन्द उठाती हैं।

 इसी अवसर पर प्रशिक्षण केन्द्र एवं विद्यालय सीमा सुरक्षा बल, मेरू कैंप, हजारीबाग द्वारा हरियाली तीज के पावन अवसर पर परिसर स्थित परिवार कल्याण केन्द्र में श्रीमति नीतू बन्याल, बावा अध्यक्षा के तत्वावधान में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मेहंदी, ड्रेस, नृत्य एवं लोकगीत आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बावा सदस्याएं, प्रहरी संगिनियाँ, बच्चे एवं उनके परिजन उपस्थित रहे। 

कार्यक्रम की शुरूआत डॉ0 चेतना खैंची एवं अन्य बावा सदस्याओं द्वारा दीप प्रज्जवलित कर की गई । इस कार्यक्रम में प्रहरी संगिनियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। मेहंदी प्रतियोगिता में प्रहरी संगिनियों ने अपनी कला का प्रस्तुतीकरण कर हाथों में सुंदर-सुंदर मेहंदी रचाई ततपश्चात् ड्रेस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने सुंदर एवं आकर्षित ड्रेस पहनकर सभी को लुभाया। मेहंदी एवं डेªस प्रतियोगिता की मनमोहक प्रस्तुति देखकर सभी का मन हर्षित हो उठा साथ ही बावा सदस्याओं एवं प्रहरी संगिनियों ने झुला झुलकर, नृत्य एवं लोकगीत गाकर इस पर्व का भरपूर आनंद उठाया। ततपश्चात् प्रतियोगिताओं में विजेता रहे प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के अन्त में डॉ0 चेतना खैंची ने श्रीमति नीतू बन्याल, बावा अध्यक्षा की प्रेषित शुभकामनाएँ और संदेश सभी से साझा किया एवं उन्होने कहा कि हरियाली तीज हमारा एक पवित्र त्यौहार है। एक शादीशुदा महिला का जीवन एकदम अलग हो जाता है। शादी से पहले वह हर प्रकार के बंधनों से मुक्त होती है। जैसे ही एक लड़की की शादी होती है वह लड़की से महिला बन जाती है। ऐसे में उसके उपर खूब सारी जिम्मेदारियां भी आ जाती है। वह कई प्रकार के रस्मों और रिवाज में बंध जाती है। शादी से पहले शायद ही वह व्रत या त्यौहार मनाती हो परंतु शादी के बाद उस पर इस चीज की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। उन्होने कहा कि एसा ही एक त्यौहार है हरियाली तीज का त्यौहार जिसे हम महिलाएँ खुशी से मनाती है एवं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती है। महोदया ने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की मनमोहक प्रस्तुतियों की सराहना की एवं सभी प्रहरी संगिनियों व उनके परिजनों को इस त्यौहार की शुभकानाएँ देते हुए उनके आने वाले भविष्य की कामना की।

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