गौतम बुद्ध शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में याद किए गए मौलाना अबुल कलाम आजाद

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाई गई आजाद भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री की जयंती


भाषण प्रतियोगिता में प्रशिक्षुओं ने रखे अपने विचार
हजारीबाग। गौतम बुद्ध शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय मुकुंदगंज, हजारीबाग में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया। इस मौके पर देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद को उनकी जयंती पर याद किया गया।

इस मौके पर प्रशिक्षुओं के बीच भाषण प्रतियोगिता कराई गई। इसमें खुशबू कुमारी प्रथम, आकाश कुमार द्वितीय और यशवंत कुमार ने तृतीय स्थान हासिल किया। इससे पहले प्रभारी प्राचार्या डॉ पुष्पा कुमारी ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के महत्व से प्रशिक्षुओं को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि भारत हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाता है। यह दिन देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के सम्मान में मनाया जाता है। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष भी थे। उनकी नेतृत्व क्षमता और सोच ने भी आधुनिक भारत को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने आईआईटी और यूजीसी जैसे संस्थानों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 11 नवंबर मौलाना आजाद की जयंती का दिन है। प्रशिक्षुओं ने भी भाषण प्रतियोगिता में यह बताया कि वर्ष 1920 में उन्हें अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना के लिए बनी समिति में चुना गया था।

बाद में मौलाना आजाद ने साल 1934 में विश्वविद्यालय परिसर को नई दिल्ली ट्रांसफर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मौलाना अबुल कलाम आजाद एक विद्वान, स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद थे। उन्होंने स्वतंत्र भारत को आकार देने वाले एक प्रमुख शिल्पकार की भूमिका निभाई थी।

भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने ग्रामीण गरीबों और लड़कियों को शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया।
मौलाना आजाद की प्राथमिकताओं में वयस्क साक्षरता को बढ़ावा देना, 14 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा सुनिश्चित करना, व्यावसायिक प्रशिक्षण और सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा का विस्तार करना पर जोर देने के साथ माध्यमिक शिक्षा को विविधता प्रदान करना शामिल था।

मौलाना अबुल कलाम आजाद का योगदान स्वतंत्रता आंदोलन से कहीं आगे था। एक शिक्षित, धर्मनिरपेक्ष और एकीकृत भारत के लिए उनका दृष्टिकोण आज भी देश को दिशा दे रहा है।

कार्यक्रम में सहायक प्राधयापिका रचना कुमारी, डॉ मीरा कुमारी, वर्षा दूबे, दिलीप कुमार सिंह, स्नेहलता खलखो आदि ने सहयोग किया। मंच संचालन प्रशिक्षु सिमोंतिका ने किया।

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