मेरू में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया बकरीद का त्यौहार
सदर प्रखंड के मेरु में बकरीद का त्यौहार बड़े धूम धाम से मनाया गया मेरू मस्जिद में सुबह 7:30 बजे नमाज़ अदा की गई। मस्जिद के इमाम ने नमाज़ के बाद कुर्बानी का खुतबा पढ़ा ओर मुल्क की खुशहाली के साथ सबों के खुशहाली के लिए दुआ किया। कुर्बानी करने वाले लोगों ने अपने घरों में बकरे की कुर्बानी किया।
बकरीद को ईद-उल-अजहा भी कहा जाता है। ईद-उल-अजहा का अर्थ कुर्बानी वाली ईद से है। ईद-उल-फितर के बाद ये इस्लाम धर्म का दूसरा बड़ा त्योहार है। ये त्योहार रमजान महीने के खत्म होने के 70 दिन बाद बनाया जाता है। इस त्योहार को कुर्बानी के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है। मुस्लिम समाज के लोगों के लिए बकरीद का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण होता है।
