अवैध बालू कारोबार को लेकर पुलिस ने की छापेमारी चार बालू लदा ट्रैक्टर जप्त।
बड़कागांव थाना प्रभारी विनोद तिर्की के नेतृत्व में मंगलवार को पुलिस ने अवैध बालू कारोबार को लेकर सघन छापेमारी की जिसमें पुलिस ने 4 बालू लदा ट्रैक्टर जप्त किया। मामले को लेकर बड़कागांव थाना प्रभारी बिनोद तिर्की ने बताया कि वरीय पदाधिकारी के निर्देशानुसार अवैध बालू के कारोबार को रोकने हेतु छापामारी का निर्देश दिया गया था।
जिसके आलोक में बड़कागांव अंचल निरीक्षक अनोज कुमार के नेतृत्व में बालू उत्खनन एवं परिवहन को लेकर जांच किया गया।जांच के क्रम में बड़कागांव दाता बाबा मजार के पास बालू लदा पावर ट्रैक्टर 434 प्लस जेएच 02 बीए 4876 , पावर ट्रैक्टर 434 प्लस नंबर अंकित नहीं , महिंद्रा ट्रैक्टर जेएच 02 ए 8554 एवं महिंद्रा ट्रैक्टर मॉडल 265 डीआई नंबर अंकित नहीं।
कुल 4 ट्रैक्टर जप्त कर थाने लाया गया है। अवैध रूप से बालू उत्खनन एवं परिवहन करके झारखंड सरकार के राजस्व में भारी क्षति की जा रही है। अवैध उत्खनन एवं परिवहन कारोबार करने वाले पकड़े जाने पर बख्शे नहीं जाएंगे निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी। जप्त चार ट्रैक्टर मामले को लेकर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
अब सवाल ये उठता है के हजारीबाग जिले के सदर प्रखंड में अवैध बालू का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है बालू कारोबारियों ने बालू के रेट इस कदर बढ़ा दिए हैं कि एक गरीब इंसान अब अपना मकान नहीं बनवा सकता जहां एक ट्रैक्टर की कीमत ₹1000 थी वही पुलिस और पत्रकारों की दुहाई देकर बालू कारोबारियों ने अपना रेट 3 से 4 हजार रुपए तक प्रति ट्रैक्टर कर दिया है लेकिन अवैध बालू का कारोबार नहीं रुक रहा।
अभी आने वाले बरसात के सीजन में दुगुने रेट पर बालू बेचने के लिए बालू डंप किया जा रहा है ताके बरसात में मुंह मांगे रकम में बालू बेच सकें इससे पूंजी पतियों को कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन एक गरीब इंसान को सोचने पर मजबूर कर देता है।
छापेमारी के नाम पर बालू के रेट प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है सरकार के द्वारा इस पर कोई भी अब तक ठोस निर्णय नहीं दिया गया है नाही बालू का कोई रेट तय है मन मुताबिक बालू कारोबारियों के द्वारा पैसे वसूली कर बालू गिराया जा रहा है।
इन बालू कारोबारियों का मन इसलिए भी बढ़ा हुआ है कि कई गांव के पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा इनसे चंदे के रूप में चंद गाड़ियां बालू फ्री में दे दी जाती है और यह लोग गरीब लोगों को मुंह मांगी रकम में बालू देते हैं
जिससे आम जनता को काफी महंगाइयों का सामना करना पड़ता है वही दूसरी ओर कई सरकारी योजनाएं चल रही है जिसके लिए आराम से मुंह मांगी रकम में बालू गिरा कर पंचायत के पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है इस पर जिला प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।
