शादी विवाह धार्मिक उत्सव जलसों में दिखावा न करें और फिजूल खर्च से बचें समाज -डा आरसी मेहता

शादी विवाह धार्मिक उत्सव जलसों में दिखावा न करें और फिजूल खर्च से बचें समाज -डा आरसी मेहता 

हजारीबाग- झारखंड कुशवाहा महासभा के केंद्रीय मुख्य सलाहकार डॉ आरसी मेहता ने एक शादी समारोह के दौरान कहा की शादी विवाह धार्मिक-सामाजिक उत्सव  में दिखावा न करें समाज! डीजे सजावट लाइट पटाखे शराब जैसे फिजूलखर्ची से बच्चे । 
उन्होंने कहा की बाहरी आडंबर हम भारतीयों के पिछड़ेपन का मूल कारण है  धनियो एवं सहरीयों का नकल गरीब मध्यवर्ती लोग भी कर्ज लेकर  दिखावा के लिए करने लगते हैं शादी में व्रातीयों कि संख्या अधिकतम 50 होनी चाहिए। 
सभी धर्म के लोग वाहरी आडंबर से बचें आज हिंदुस्तान में मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे इत्यादि के शिलान्यास दिखावे स्वरूप एक गांव के लोग दूसरे गांव से अच्छा करने में लगे हुए हैं आज अनेकों मंदिर बनाए जा रहे हैं मस्जिद बनाए जा रहे हैं जल यात्रा एवं नौ दिवसीय कार्यक्रमो में करोड़ों रुपए फिजूल खर्च कर रहे हैं सामर्थहिन लोग ईश्वर के भय से चंदा देते हैं कहीं-कहीं चंदा देना अनिवार्य कर दिया जाता है जिससे हमारे देश पिछड़ रहा है धर्म ग्रंथों में कहा गया है मन चंगा तो कठौती में गंगा। 
कन कन में भगवान है अतः बुद्धिजीवियों से निवेदन है कि देश की तरक्की के लिए फिजूलखर्ची से बचते हुए सहयोग करें। इससे दहेज प्रथा अंधविश्वास प्रथा में कमी होगा एवं देश में शांति स्थापित होगी। आज देश में शिक्षा मंदिर एवं स्वास्थ्य मंदिर बनाकर देश को मजबूत करने की जरूरत है।

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