
गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से एक बेहद चौंकाने वाली और दुखद खबर सामने आई है। एयर इंडिया की अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट AI 171, जो लंदन गेटविक के लिए रवाना हुई थी, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस विमान की कमान कैप्टन सुमीत सभरवाल और सह-पायलट क्लाइव कुंदर के पास थी।

विमान ने 12 जून 2025 को दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद फ्लाइट ने “Mayday” (माईडे) कॉल जारी किया और फिर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया। विमान मेघानीनगर क्षेत्र के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। चश्मदीदों ने बताया कि मौके पर भयानक विस्फोट और काले धुएं के गुबार देखे गए।

कुल सवारियाँ: 244 (232 यात्री और 12 क्रू सदस्य)
विदेशी नागरिक: 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई
भारतीय यात्री: 169

विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे। उनकी स्थिति को लेकर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बचाव दल द्वारा उन्हें निकाले जाने की कोशिश की जा रही है।

7 फायर ब्रिगेड यूनिट्स और दर्जनों एम्बुलेंस मौके पर पहुंचीं।
एयरपोर्ट से सटी कॉलोनी को खाली कराया गया।
घायलों को अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल, एलजी हॉस्पिटल आदि में भर्ती कराया गया है।
स्थिति को देखते हुए एयरपोर्ट पर सभी उड़ानें रोक दी गई है।

विमान की तकनीकी जानकारी:
विमान: बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (VT-ANB)
एयरलाइन: एयर इंडिया
गंतव्य: लंदन गेटविक
खास बात: यह बोइंग 787‑8 मॉडल का पहला बड़ा क्रैश बताया जा रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और तुरंत गृह मंत्री अमित शाह और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू को अहमदाबाद भेजा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और तुरंत गृह मंत्री अमित शाह और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू को अहमदाबाद भेजा।

गृह मंत्री ने कहा कि “दुर्घटना बेहद दुखद है, केंद्र और राज्य मिलकर हर संभव राहत कार्य में जुटे हैं।”
स्थानीय निवासी भरत पटेल ने बताया – “हमने अचानक तेज आवाज सुनी, फिर आग और धुएं का बड़ा गुबार दिखा। लोग चीखते हुए भागने लगे। सेना और पुलिस कुछ ही देर में पहुंच गई।”
यह हादसा भारतीय एविएशन इतिहास की एक भयावह त्रासदी बन चुका है। पूर्व मुख्यमंत्री की मौजूदगी ने घटना को और भी संवेदनशील बना दिया है। सरकार और एयर इंडिया की संयुक्त टीम मामले की गहन जांच में जुटी है।

फिलहाल प्राथमिकता घायलों की जान बचाने और परिवारों तक सूचना पहुंचाने की है।
