
सीमा सुरक्षा बल, मेरू, सहायक प्रशिक्षण केंद्र हजारीबाग के ‘रानी झांसी परेड ग्राउण्ड’ में दिनांक 06 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को सीमा सुरक्षा बल के 345 नवआरक्षक (ट्रेड्समैन) (सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, सीमा सुरक्षा बल, हजारीबाग के बैच संख्या-07 एवं 08), जो कि भारत के विभिन्न प्रांतो से हैं, 44 सप्ताह के कठिन परिश्रम, लगन एवं साधना के पश्चात बुनियादी प्रशिक्षण पूर्ण कर दीक्षांत परेड में शामिल हुए।

दीक्षांत समारोह पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री धीरेन्द्र एस कुटे, भा.पु.से., महानिरीक्षक, सहायक प्रशिक्षण केन्द्र और प्रशिक्षण केन्द्र एवं विद्यालय, सीमा सुरक्षा बल, हजारीबाग, ने सलामी ली। इस अवसर पर जिला प्रशासन के अधिकारी, लोक प्रतिनिधि सहित संस्थान के अन्य अधिकारीगण एवं नवआरक्षकों के परिजन उपस्थित रहे। दीक्षांत परेड में शामिल 345 नवआरक्षकों ने राष्ट्रीय ध्वज के समक्ष संविधान की शपथ ली एवं राष्ट्र की एकता, अखंडता व संप्रभुता बनाए रखने के लिए खुद को समर्पित करने का प्रण लिया।

समारोह के दौरान शानदार ड्रिल और मार्च पास्ट कर नवआरक्षकों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान मुख्य अतिथि ने ओवरआल बेस्ट परफारमेंस समेत विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नवआरक्षकों को पुरूस्कार प्रदान कर उनका मनोबल बढ़ाया।

बतौर मुख्य अतिथि श्री धीरेन्द्र एस कुटे, भा.पु.से., महानिरीक्षक, सहायक प्रशिक्षण केन्द्र और प्रशिक्षण केन्द्र एवं विद्यालय, सीमा सुरक्षा बल, हजारीबाग ने अपने संबोधन मे नवआरक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि आज के दीक्षांत परेड के बाद वे औपचारिक तौर पर, सीमा सुरक्षा बल जो की भारत की प्रथम रक्षा पंक्ति है, के अभिन्न सदस्य बन गये हैं और बल में, कर्तव्य निर्वहन के लिए प्रथम कदम रखने जा रहे हैं।

उन्होंने नवआरक्षकों के माता-पिता एवं परिजनों को भी बधाई देते हुए कहा कि अपने सपूतों को सीमा सुरक्षा बल में भेजकर राष्ट्र-सेवा के कार्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होने सहायक प्रशिक्षण केन्द्र के कुशल अनुदेशकों की टीम को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए बधाई दी।

दीक्षांत परेड के उपरान्त बीएसएफ बैण्ड की धुन ने दर्शकों को काफी आकर्षित एवं रोमांचित किया। इसके अलावा जवानों तथा केन्द्रीय विद्यालय, मेरू के छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यकम का बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिसे देखकर उपस्थित लोगों ने भूरी-भूरी प्रशंसा की।
सभी पास आउट होने वाले नौजवान जल्दी ही सीमाओं की सुरक्षा विभिन्न वाहिनियों की जिम्मेवारी संभालने जा रहे हैं।
