
बड़कागांव: प्रखंड में ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का त्योहार शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। प्रखंड के सभी मस्जिदों में सुबह के समय से ही नमाज अदा करने के लिए नमाजी जुटने लगे। नमाजियों ने नमाज अदा कर मुल्क के अमन चैन की दुआ की और एक दूसरे से गले मिलकर बकरीद की मुबारकबाद दी। नमाज के बाद लोगों ने अपने घरों में जाकर कुर्बानी की रस्म अदा की।
बड़कागांव प्रखंड के बादम जामा मस्जिद, बलिया जामा मस्जिद, बड़कागांव जामा मस्जिद, चट्टी मस्जिद, मोकद्दस मस्जिद बादम, सिरमा मस्जिद, महुदी मस्जिद, महुगाई मस्जिद, चंदौल मस्जिद, डाडी कलां मस्जिद, चेपा खुर्द मस्जिद, सिंदूवारी मस्जिद, नगड़ी मस्जिद, महुगाई मस्जिद, हाहे मस्जिद सहित अन्य मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की गई। इस्लामी कैलेंडर के अंतिम माह जिल्हिज्जा की 10 तारीख (सोमवार) से तीन दिवसीय कुर्बानी का पर्व ईद-उल-अजहा मनाया जा रहा है।
असल में यह महीना हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की यादगार है। जिसकी पूरी जिन्दगी कुर्बानी में ही गुजरी। खुदा ने हजरत इब्राहिम से अपने बेटे की कुर्बानी तलब की। खुदा का हुक्म पाते ही हजरत इब्राहिम अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने जंगल की ओर रवाना हुए। हजरत ने बेटे से कहा कि मैंने ख्वाब देखा है कि मुझे खुदा की राह में तुम्हारी कुर्बानी देनी है। बेटे ने कहा कि अगर खुदा की यही रजा है तो मैं तैयार हूं और आप मुझे सब्र करने वालों में सबसे आगे पाइयेगा। इस तरह खुदा ने हजरत इब्राहिम का इम्तहान लिया था और हजरत इस्माइल की जगह दुंबा की कुर्बानी से खुदा ने हजरत इब्राहिम की कुर्बानी कबूल फरमाई। बकरीद कुर्बानी का पर्व है। यह त्योहार हमें प्रेम, सद्भावना, त्याग और बलिदान की प्रेरणा देती है।
बकरीद पर्व के अवसर पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रही। प्रखंड क्षेत्र के सभी मस्जिदों के इर्द-गिर्द कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। एसडीपीओ कुलदीप कुमार, इंस्पेक्टर अनिल सिंह और थाना प्रभारी मुकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रखंड के सभी गांव में पुलिस के अधिकारी और जवान गस्ती करते नजर आए।
