हजारिबाग; हरली में दो दिवसीय धरना बना भूख हड़ताल, बीडीओ ने पहुंचकर जूस पिलाकर तुड़वाया आंदोलन।

दारू प्रखंड के हरली गांव में वर्षों से बंद पड़े सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) को चालू कराने, मनरेगा और अंचल कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार, झारखंड आवासीय विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी, दारू प्रखंड के जर्जर सड़कों की मरम्मति तथा झुमरा और दारू में अतिक्रमण हटाने जैसी जनसमस्याओं को लेकर कांग्रेस की इकाई जवाहर बाल मंच और हरली पंचायत की मुखिया फरजाना खातून के नेतृत्व में मंगलवार को प्रखंड मुख्यालय के समक्ष दो दिवसीय धरना शुरू हुआ।

जनता की समस्याओं को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन जब भूख हड़ताल में तब्दील हुआ, तो प्रशासन में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे बीडीओ हारून रशीद और पीएचसी प्रभारी डॉ. अमरेश कुमार ने आंदोलनकारियों से लंबी बातचीत की। वार्ता के सकारात्मक परिणाम के बाद बीडीओ ने जवाहर बाल मंच के जिला अध्यक्ष रिंकू कुमार और मुखिया फरजाना खातून को जूस पिलाकर भूख हड़ताल समाप्त करवाई।

क्या रहा समझौता?

धरना में उठाई गई पांच प्रमुख मांगों में से सबसे अहम — हरली स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को लेकर पीएचसी प्रभारी ने बताया कि यह केंद्र सोमवार से ही चार कर्मियों के साथ चालू कर दिया गया है। उपकरणों की कमी की मांग जिला प्रशासन से की जा चुकी है। हालांकि डॉक्टर की स्थायी नियुक्ति फिलहाल संभव नहीं है, पर जल्द बेहतर सुविधा देने का प्रयास जारी रहेगा। अन्य चार मांगों — अंचल में भ्रष्टाचार पर रोक, अतिक्रमण हटाना, सड़क मरम्मत और शिक्षकों की नियुक्ति — पर प्रशासन ने सकारात्मक विचार का भरोसा दिया है।

धरना में रही इनकी उपस्थिति:

इस आंदोलन में बीस सूत्री कार्यक्रम के प्रखंड अध्यक्ष शशि मोहन सिंह, कांग्रेस कार्यकर्ता, स्थानीय ग्रामीण, और युवा भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

निष्कर्ष:

धरना को भूख हड़ताल में बदलना और प्रशासन का मौके पर पहुंच कर समाधान निकालना, एक बार फिर दर्शाता है कि जन-आंदोलन यदि शांतिपूर्ण और ठोस मांगों के साथ किया जाए तो सरकार को भी जवाब देना पड़ता है।

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